इनीशियल पब्लिक आफ़रिंग (आईपीओ) (IPO) वह प्रक्रिया है जिस के द्वारा कंपनियां बाज़ार से फ़ंड्स जुटाती हैं। व्यवसायों को विभिन्न कारणों के लिए धन की ज़रूरत होती है जैसे व्यवसाय का विस्तार, ऋण चुकौती, प्रारंभिक निवेशकों के लिए निकास की रणनीति आदि। इन सभी फ़ंड्स आवश्यकताओं को आईपीओ (IPO) के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। एक निवेश के रूप में आपको समझने की आवश्यकता है कि आईपीओ (IPO) के लिए कैसे आवेदन करें और सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है की इसे, इसे ऑनलाइन तरीके से कैसे करें।
आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने के चरण
आप ऑफ़लाइन या ऑनलाइन तरीकों से आईपीओ (IPO) के लिए बिडिंग कर सकतेहैं:
- ऑफ लाइन विधि में, आपको एक भौतिक फॉर्म भरना होगा और इसे आईपीओ (IPO) बैंकर या अपने ब्रोकर को सबमिट करना होगा।
- ऑनलाइन विधि में, आप सीधे अपने ब्रोकर की वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आईपीओ (IPO) का लाभ यह है कि आपके अधिकांश डेटा आपके ट्रेडिंग या डीमैट अकाउंट से ऑटोमैटिक रूप से बढ़ता रहता है इस प्रकार आपकी तरफ से सभी कागज़ी कार्यवाही को कम करता है। जो मुख्य रूप से ऑनलाइन आईपीओ (IPO) आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया को सरल बनाता है।
एंजेलवन के माध्यम से आईपीओ (IPO) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- एंजेलवन ऐप या वेबसाइट पर लॉग-इन करें और होमपेज पर ‘आईपीओ (IPO)’ पर क्लिक करें।
- आप जिस आईपीओ (IPO) में रुचि रखते हैं उसे चुनें।
- आईपीओ (IPO) संबंधित जानकारी जैसे अधिकतम मात्रा, अधिकतम इन्वेस्टमेंट तथा कंपनी के बारे में जानकारी प्राप्त करें आदि।
- आवेदन करने के लिए ‘अभी अप्लाई करें’ पर क्लिक करें और अपनी यूपीआई आईडी (UPI ID) के साथ लॉट की संख्या और बिडिंग में लगाई गई कीमत को दर्ज करें।
- आईपीओ (IPO) एप्लीकेशन को पूरा करने के लिए अपनी बिड को कन्फर्म करें और आपके UPI (यूपीआई) ऐप पर भेजे गए भुगतान संबंधी मैंडेट को स्वीकार करें।
बस हो गया! आपका आईपीओ (IPO) ऑर्डर कर दिया गया है। आप ‘ऑर्डरबुक’ सेक्शन में अपने आईपीओ (IPO) की स्थिति को चेक कर सकते हैं।
आईपीओ (IPO) में निवेश करने के लिए कौन पात्र है?
तकनीकी रूप से कहा जाए तो, कोई भी वयस्क जो लीगल कान्ट्रैक्ट में प्रवेश करने के लिए सक्षम है, कंपनी के आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है। बिल्कुल,यह बहुत ज़रूरी है कि आपके पास आयकर विभाग द्वारा जारी पैन (PAN) कार्ड हो और आपके पास एक वैध डीमैट अकाउंट भी होना चाहिए। याद रखें, आईपीओ (IPO) के मामले में ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक नहीं है, केवल डीमैट अकाउंट होना ही पर्याप्त है।
हालांकि, अगर आप शेयरों को सूची में बेचना चाहते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट की ज़रूरत होगी। इसलिए ब्रोकर आपको पहली बार आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करते समय डीमैट खाते के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सलाह देते हैं।
यहां याद रखने के लिए एक महत्वपूर्ण बात है, कि जब आप आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करते हैं, तो यह केवल एक प्रस्तावना हीं होता है बल्कि प्रस्ताव के लिए आमंत्रण होता है।एक बार निवेशक आईपीओ (IPO) के लिए बिडिंग करने के बाद, कंपनी और अंडरराइटर प्राप्त बिडिंग की समीक्षा करते हैं। फिर आबंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जहां प्रत्येक निवेशक द्वारा आबंटित शेयरों की मांग, सब्सक्रिप्शन लेवल और आबंटन नियमों जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
एक बार शेयर आवंटित हो जाने के बाद, निवेशक का बैंक अकाउंट आवंटित शेयरों की राशि के लिए डेबिट किया जाता है और शेयर निवेशक के डीमैट खाते में जमा किए जाते हैं। निवेशक कंपनी का शेयर धारक बन जाता है और वह इसके द्वारा अपने भावी विकास और उससे होने वाले लाभ में हिस्सेदारी ले सकता है।
न्यू ऑफ़र बनाम फॉलोऑन पब्लिक ऑफ़र बनाम ऑफ़र फॉर सेल
आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करते समय, कुछ संबंधित मुख्य शर्तों के बारे में जानना बहुत आवश्यक होता है, जिसके बारे में हो सकता है की आप पहले से जानते हों।
न्यूऑफ़र: अगर कोई कंपनी पहली बार आईपीओ (IPO) मार्केट से फ़ंड्स जुटा रही है और स्टॉक सूचीबद्ध कर रही है, इसे न्यूऑफ़र के तौर पर जाना जाता है। इस प्रस्ताव से कंपनी के पूंजीगत आधार को एक सूची में डालने के साथ ही कंपनी का विस्तार भी होता है।
- फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र (FAO): इसमें कंपनी पहले से ही स्टॉक एक्स चेंज पर सूचीबद्ध होती है, लेकिन अतिरिक्त फ़ंड्स जुटाने के लिए आईपीओ (IPO) मार्केट को देख रही होती है।
- ऑफ़र-फॉर-सेल (OFS): इसमें मौजूदा प्रमोटर और एंकर निवेशक आईपीओ (IPO) के माध्यम से अपने होल्डिंग का हिस्सा छोड़ देते हैं। सरकार द्वारा किए गए अधिकांश विनिवेश बिक्री के प्रस्तावों के रूप में होते हैं। एक ओएफ़एस (OFS) में, कंपनी की शेयर पूंजी में वृद्धि नहीं होती बल्कि इसमें ओनरशिप पैटर्न होता है जो बदलता रहता है।कंपनियों द्वारा प्रायःशेयर मार्केट में कंपनी को सूचीबद्ध करने के लिए एक ओएफ़एस (OFS) का प्रयोग किया जाता है।
आईपीओ (IPO) के प्रकार
यहां दो प्रकार के आईपीओ (IPO) को हम देख सकते हैं – फिक्स्डप्राइस आईपीओ (IPO) और बुकबिल्ट आईपीओ (IPO):
- फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (IPO): यहां कंपनी की वैल्यू के हिसाब से राशि और प्रीमियम की राशि के रूप में आईपीओ (IPO) की कीमत पहले से निर्धारित होती है। आप केवल उस मूल्य पर आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बुक बिल्ट इशू : कंपनी केवल आईपीओ (IPO) के लिए एक सांकेतिक मूल्य सीमा प्रदान करेगी और आईपीओ (IPO) की अंतिम कीमत बुक बिल्डिंग प्रोसेस के माध्यम से खोजी जाएगी। आजकल, अधिकांश आईपीओ (IPO) मुख्य रूप से बुक बिल्डिंग रूट से ही होते हैं।
बुक-बिल्ट विधि के तहत, आवंटन के आधार को 10-12 दिनों के भीतर ही अंतिम रूप दे दिया जाता है और डीमैट क्रेडिट उसके कुछ दिनों के भीतर ही हो जाता है। शेयर आपके डीमैट खाते में होने और स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के बाद, आप शेयर बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। जैसा कि आपको पहले बताया जा चुका है कि आपको इन शेयरों को बेचने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है।
आईपीओ (IPO) के तीन प्रकार हैं – रिटेल, एचएनआई (HNI) और संस्थागत श्रेणियां आईपीओ (IPO) में ₹2 लाख तक के इन्वेस्ट में को रिटेल इन्वेस्टर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। खुदरा कोटा में निवेश करना लाभदायक होता है क्योंकि सेबी (SEBI) द्वारा आवंटन पद्धति को यह सुनिश्चित करने के लिए इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ज़्यादा से ज़्यादा अनेक खुदरा निवेशकों को आवंटन प्राप्त हो सके। इस प्रकार, इस मामले में आपके आबंटन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। एचएनआई (HNI) के मामले में आबंटन अनुपात में होता है जबकि संस्थाओं के मामले में आबंटन विवेकाधीन होता है।
आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करते समय याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बिन्दु
आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने के बारे में आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि सेबी (SEBI) ने अब एएसबीए (ASBA) (अप्लीकेशन सपोर्टेड बाइ ब्लॉक्ड अमाउन्ट) नामक सुविधा उपलब्ध कराई है। एएसबीए आईपीओ (ASBA IPO) का लाभ यह है कि आपको आवंटन किए जाने तक चेक जारी करना या आईपीओ (IPO) के लिए पैसे का भुगतान नहीं करना होगा।
आपके आवेदन करने की सीमा तक की राशि आपके बैंक खाते से ब्लॉक कर दी गई है और आवंटन के दिन, राशि केवल आवंटित शेयरों की सीमा तक डेबिट की जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर आपने ₹1.50 लाख के शेयर के लिए आवेदन किए हैं और आपको केवल ₹60,000 का आवंटन मिलता है, तो केवल ₹60,000 आपके अकाउंट से डेबिट हो जाता है और आपके बैंक अकाउंट से शेष राशि ब्लॉक हो जाती है।
निष्कर्ष
आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने से पहले, कंपनियों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना और उनसे जुड़े लाभ और संभावित जोखिमों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। जैसा कि पहले बताया गया है, आपको आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने के लिए डीमैट अकाउंट होल्ड करना होगा। एंजेलवन ऐप पर मुफ्त में अपना डीमैट अकाउंट खोलें और अपनी निवेश की यात्रा को शुरू करें।
एबीएमए (ABMA) ऐप के माध्यम से कैसे आवेदन करें:
वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से कैसे आवेदन करें: